Priyanka06

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लेखनी कहानी -23-Aug-2022 भ्रष्टाचारी नेता

 रचयिता- प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-भ्रष्टाचारी नेता
विषय-लालसा

सत्ता पर बैठा नेता,
लिप्त हैं उनकी लालसा,
मुंह खोले वह बैठा,
पेट उनका बढ़ता जाता।

 नेताओं का एक ही सपना,
पैसे हो जाएं उनके चोगने,
दिन रात देखते यही सपने,
हो उनके पैसों के बंगले।

कभी ना भरता उनका पेट,
सत्ता पर बैठे कहलाते सेठ,
कमजोरो पर दिखाते अपना रोप,
अपनी सत्ता से कर देता हमको मोन।

बढ़ती जा रही पैसों की भूख,
गरीब कैसे सिखाएं ब्याज सूत,
सत्ता पर बैठकर पहनते सूट बूट,
गरीबों को देते दुःख।

हो गए हैं भ्रष्टाचारी,
उदार भावना बेच डाली,
सरेआम मचाते लूटपाट,
बढ़ता जा रहा है दुर्व्यवहार।

जनता पर करते राज,
सत्ता पर बैठे करते ठाठ,
बैठे रहते निष्काम,
निगोड़ी जनता पर करते अत्याचार।

बढ़ गई इनकी इतनी लालसा,
सरेआम करते भ्रष्टाचार,
रिश्वत के बिना ना होता कोई काम,
मुंह खोल के खड़ा है आज लालच।

मजदूरों पर दिखा रहे अपना जोर,
बन कर बैठ गए जैसे हो बॉस,
जनता करे अब शोर,
आप बहुत रह गए हम मोन।

लालसा ने लिया रूप विकराल
भ्रष्टाचारियों का करें बहिष्कार,
जनता बने इस हक की हकदार ,
करे भ्रष्टाचारियों का सर्वनाश।
 

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8 Comments

Chetna swrnkar

24-Aug-2022 11:50 AM

Nice

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वाह लाजवाब आज के नेताओं की लालसा को एकदम सही तरीके से शब्द रूप दिया है

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Renu

24-Aug-2022 07:57 AM

Nice

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